बरसो से मानते आए
आज़ादी की ख़ुशी
आज भी आज़ादी की ख़ुशी है
फिर भी मेरे भारत को
आज़ादी की तिश्नगी है
जिन्दा लोगो का तो मौल नहीं
मुआवजे के रूप में लासे बिकी है
kank तो हो गए वतन
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