अभी तो वो समझ ही नहीं सके
क्या होता है समझाना
बिन खेले हर गए वो
अभी तो समझ ही न सके
क्या होता है हारना
सब देते है उन्हें संज्ञा
फूलो की
बिन खिले मुरझा गए
अभी तो वो समझ ही न सके
क्या होता है खिलाना
अभी तो वो समझ ही न सके
क्या होता है समझाना
कारखानों की जहरीली गैसों में
होटलों के झूटे बर्तनों में
वो अपना भविष्य ढून्ढ रहे है
आजादी किसे कहते है
आजाद हिन्दुस्तान से पूछ रहे है