सागर से उठता धुआं
मंगलवार, 7 जून 2011
कुछ अजनबी अपने हुए
अपनों से जब दुखी हुए
काँटों से घिर कर
खुद महफूज हुए
फूलो से घेर कर
घायल हुए
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)